राहुल गांधी के दावे, बारपेटा सत्र प्रमुख का खंडन
14/15 दिसं 2015
राहुल गांधी ने आज दावा किया कि असम की हाल की उनकी यात्रा के समय उन्हें आरएसएस कार्यकर्ताओं ने बारपेटा सत्र के एक मंदिर में जाने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की राजनीति की शैली है जो अस्वीकार्य है। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि बारपेटा सत्र के प्रमुख ने आज राहुल गांधी के इस दावे का खंडन किया कि उन्हें इस वैष्णव मठ में प्रवेश करने से रोका गया और कहा कि इस धार्मिक स्थल पर आरएसएस का कोई एजेंट नहीं है। बारपेटा सत्र बुरा सत्रिय (प्रमुख) बक्षित देब शर्मा ने संस्कृति और धर्म के केंद्र को राजनीति से जोड़ने के मुख्यमंत्री के प्रयास को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया तथा संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक धार्मिक स्थल है और यहां केवल धार्मिक गतिविधियां होती हैं। सत्र में राजनीति कहां से आ गयी?’’
उन्होंने कहा, ‘‘गोगोई मुख्यमंत्री हैं और उनके द्वारा सत्र जैसे धर्म और संस्कृति के केंद्र को राजनीति से जोड़ना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य में राजनीति और सत्र को आपस में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’’ गोगोई के इस दावे पर कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा सत्र की किसी भी भूमी का अतिक्रमण नहीं किया गया, उन्होंने कहा, ‘‘गोगोई द्वारा महत्वपूर्ण मुद्दों को भुला दिये जाने से काम नहीं चलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां हमारे सत्र (वैष्णव मठ) और मजूली द्वीप में भी सत्र की भूमी पर अतिक्रमण हुआ है।’’
संभवत: भूमी पर बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा अतिक्रमण पर झगड़ा ऐसे आरोपों का मूल कारण है।